बहराइच, 28 अक्टूबर।उत्तर प्रदेश के इस जिले के हरदी और रामगांव पुलिस स्टेशनों के 29 पुलिस कर्मियों, जिनमें ज्यादातर कांस्टेबल थे, को सोमवार को पुलिस लाइन भेज दिया गया।
इन दोनों पुलिस स्टेशनों के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में हाल ही में नवरात्रि उत्सव के दौरान हिंसा देखी गई थी, जिसमें एक व्यक्ति की जान चली गई थी।
हिंसा में मारे गए रामगोपाल मिश्रा का पैतृक गांव रेहुआ मंसूर रामगांव थाना क्षेत्र में आता है, जबकि जहां उनकी हत्या हुई वह इलाका हरदी पुलिस थाने के अधिकार क्षेत्र में है।
जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, हरदी पुलिस स्टेशन से 14 और रामगांव पुलिस स्टेशन से 15 कर्मियों को पुलिस लाइन में स्थानांतरित कर दिया गया।
संपर्क करने पर पुलिस अधीक्षक वृंदा शुक्ला ने तबादलों को “नियमित” बताया।
“ये नियमित तबादले हैं, सिपाहियों का एक थाने में दो साल का कार्यकाल होता है। वह अवधि समाप्त हो गई, इसलिए उन्हें पुलिस लाइन भेज दिया गया है। इन तबादलों का महराजगंज (महसी) हिंसा से कोई लेना-देना नहीं है। ऐसी ही एक सूची अन्य पुलिस स्टेशनों के लिए भी ऐसे ही सिपाही तैयार किए जाएंगे।”
जिले की महसी तहसील के महराजगंज क्षेत्र में 13 अक्टूबर को दुर्गा प्रतिमा विसर्जन जुलूस के दौरान तेज संगीत बजाने को लेकर हुए विवाद के बाद मिश्रा (22) की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
इस घटना के बाद सांप्रदायिक हिंसा हुई, जिसके बाद आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाएं हुईं।