
कब तलक दोस्ती निभाते हम
इतने आंसू कहाँ से लाते हम – वक़ार काशिफ
👉🏻अदबी तंज़ीम फख़्र ए हिंदुस्तान के ज़ेरे एहतिमाम ओपन माइक मुशायरा व कवि सम्मेलन का हुआ आयोजन
तेजस भारत समाचार
लखनऊ।जिस की सदारत मशहूर ओ मारूफ़ मुसन्निफ़ डॉक्टर असलम मुर्तजा साहब ने की ओर मेहमाने ऐजाजी की हैसियत से मोहम्मद फ़रीम साहब मौजूद रहे हौसला अफजाई के तौर पे मोहिता साहिबा मौजूद रहीं | मोहम्मद फहीम साहब और मोहिता साहिबा को फख्र हिंदुस्तान अवॉर्ड से नवाजा गया निज़ामत के फ़राएज़ असीम काकोरवी ओर अर्चना सिंह ने अदा किए। मेहमान ए ख़ुसूसी की हैसियत से ख़ूबसूरत लबो लहजे के मालिक वकार काशिफ उस्मानी साहब और अबरार सारीम साहब ने शिरकत की ।सदर ए मुशायरा डॉ असलम मुर्तजा साहब ने अपने सदारती ख़िताब में कहा कि नई नस्ल का उर्दू अदब हिंदी संस्कृति की तरफ़ रुझान उर्दू और हिंदी के मुस्तक़बिल के लिए फ़ेल ए नेक है, लिहाज़ा नौजवान उर्दू हिन्दी सीखने पर तवज्जा दें तो उनके मुस्तक़बिल के लिए बेहतर होगा।
पसंद किए जाने वाले अशआर क़ारईन की नज़र हैं।
कब तलक दोस्ती निभाते हम
इतने आंसू कहाँ से लाते हम
वक़ार काशिफ
हमे गरज नही तुमसे जो चाहो काम करो
ज़ुबां संभाल के बस हमसे तुम कलाम करो
मोहिता
में जनता हूं के होंगे मजीद ज़ुल्मो सितम
जो जुल्म सह के भी तोड़ी न खमोशी में ने
बेताब लखनोवी
जिस के कदम कदम पे मददगार में रहा
उसको सुकून मिला है मेरा सर उतार के
असीम काकोरवी
बहुत ही लुभाती हैं मुहब्बत की ये गलियां
मगर रस्ता कठिन है ये, इसमें आराम नही है
अर्चना सिंह
खैरियत दोसरों से लेता है
पास जिस के हमारा नंबर है
आरीफ अल्वी
इनके अलावा , दियांग ठाकुर , नौशाद अली , रेहान अहमद , देशराज देशाई , प्रियम सिंह पटेल , मसूद अहमद फहमी , शालिनी राय निगम , शाहनवाज इकबाल, नितिन भगत , प्रमोद श्रीवास्तव , विकास मौर्य , शिनवाक तिवारी , सुनील मल्होत्रा , खामोश नगरामी , अभय प्रताप सिंह , स्नेहा सिंह ,जहूर फैजी बाराबंकवी,वग़ैरा ने भी कलाम पेश किए।आख़िर में कनवीनर मुशायरा आरिफ़ अल्वी ने कलमात ए शुक्र अदा किए।