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महाशिवरात्रि के भव्य उत्सव में आर्ट ऑफ लिविंग के अंतर्राष्ट्रीय केंद्र बेंगलुरू में दुनिया भर के कोने-कोने से जुटे 2.5 लाख से भी अधिक भक्त और साधक*
सोमिना बजाज
आर्ट ऑफ लिविंग अन्तर्राष्ट्रीय केंद्र का भव्य गुरूपादुकावनम महाशिवरात्रि के शुभ अवसर पर वातावरण को शुद्ध करने वाले पवित्र मंत्रोच्चारण, भजन और ज्ञान से गूंज उठा। वैश्विक आध्यात्मिक गुरु गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर जी की उपस्थिति में 2.5 लाख से भी अधिक लोगों ने पवित्र ध्यान और मौन में भाग लिया।
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महाशिवरात्रि की संध्या पर, मंत्रोच्चारण और मधुर भजनों के बीच गुरुदेव ने पावन रुद्राभिषेकम् किया। यह एक वैदिक अनुष्ठान है, जो शिव के रुद्र रूप के प्रति श्रद्धा प्रकट करने के लिए किया जाता है। यह अनुष्ठान भक्तों को प्रसन्नता और समृद्धि प्रदान करता है और उनकी इच्छाओं की पूर्ति भी करता है।
गुरुदेव कहते हैं, “शिवरात्रि अर्थात शिव की शरण में आना। शिव अनंत, सौंदर्य और अद्वैत हैं। आप शिव की शरण में आते हैं क्योंकि आपका वास्तविक स्वरूप शिव ही है। शिव, समस्त ब्रह्मांड का ध्यानस्थ पक्ष है।”
गुरुदेव की उपस्थिति में संत आदि शंकराचार्य के जीवन और महिमा पर आधारित आर्ट ऑफ लिविंग की पहली वेब श्रृंखला के पोस्टर का भी विमोचन किया गया।
श्री श्री पब्लिकेशंस ट्रस्ट के ट्रस्टी नकुल धवन जी ने कहा, “आदि शंकराचार्य भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण एवं प्रसिद्ध व्यक्तित्व हैं, लेकिन हर कोई उनके जीवन के विषय में नहीं जानता है।” उनका जीवन बहुत छोटा लेकिन विविध घटनाओं से परिपूर्ण था, जिसमें उन्होंने पूरे देश की लंबाई और चौड़ाई में पैदल यात्रा की, जिससे देश के सांस्कृतिक ताने-बाने को एकजुट किया गया। उन्होंने जो परंपराएं और संस्थाएं शुरू कीं वे आज तक जीवित हैं और फल-फूल रही हैं। वे भारत के सांस्कृतिक पुनर्जागरण के वास्तुकार हैं।”
शिवरात्रि के अवसर पर मध्य रात्रि को, शिव तत्व में डूबने के लिए दुनिया भर से आए लाखों लोगों ने गुरुदेव के साथ महाशिवरात्रि के विशेष ध्यान का अनुभव किया।