
मां बाप ने जंगल में उठाकर ले जा रहे तेंदुओं से जान की बाजी लगाकर बच्चों को छुड़ाया
बहराइच 16 फरवरी। कतर्नियाघाट वन्यजीव अभ्यारण के एक गांव में बुधवार देर रात तेंदुए ने तीन वर्षीय बच्चे को घर से उठा लिया। बालक के पिता ने बहादुरी दिखलाई और तेंदुए से भिड़कर बच्चे को छुड़ा लिया।
मंगलवार शाम इसी जंगल में एक मां ने तेंदुए से भिड़कर अपने चार साल के बच्चे को छुड़ाया था।
दोनों स्थानों पर वन विभाग गांव वासियों को जागरूक कर रहा है। बचाव हेतु क्षेत्र में 24 घंटे निगरानी टीमें लगाई गयी हैं।
ग्रामीणों ने बताया कि कतर्नियाघाट वन्यजीव अभ्यारण के धर्मापुर वन रेंज अंतर्गत जलिहा गांव में बुधवार रात गांव निवासी कुन्नू का तीन वर्षीय पुत्र सलमान अपने भाई बहनों के साथ घर के अंदर चारपाई पर लेटा था। इसी बीच अचानक पहुंचा एक तेंदुआ सलमान को गर्दन से दबोच कर ले जाने लगा। बच्चों की चीख पुकार सुनकर पिता कुन्नू लाठी लेकर तेंदुए से भिड़ गया। शोर सुनकर आसपास के ग्रामीण भी इकट्ठा हो गये और शोर मचाने लगे। इससे तेंदुआ बच्चे को छोड़कर जंगल की ओर चला गया। परिजनों ने घायल बच्चे को इलाज हेतु मिहींपुरवा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पहुंचा कर इलाज कराया है।
दूसरी घटना प्रभाग के सुजौली वन रेंज अंतर्गत अयोध्यापुरवा गांव की है। यहां किस्मतुन नाम की महिला मंगलवार देर शाम अपने चार साल के बच्चे अयान के साथ घर में लेटी थी। इस दौरान तेंदुए ने घर में घुसकर कर अयान को मुंह में दबा लिया और भागने लगा। अपनी जान की परवाह ना करते हुए मां तेंदुए के ऊपर कूद गयी। पुकार सुनकर अन्य घर वाले और ग्रामीण भी आ गये और अयान को तेंदुए से छुड़ा लिया गया। गंभीर रूप से घायल बच्चे को बहराइच मेडिकल कालेज में इलाज के लिए भर्ती कराया गया। अस्पतालों से मिली जानकारी के अनुसार दोनों बच्चों की हालत स्थिर है।
प्रभागीय वनाधिकारी बी. शिवशंकर ने शुक्रवार को बताया कि “घटनास्थलों के बीच 30 किलोमीटर का फासला है। दोनों गांवों व आसपास के इलाकों में वनकर्मी तैनात कर 24 घंटे निगरानी कराई जा रही है। घायल बच्चों के परिवार को इलाज हेतु आर्थिक सहायता दी गई है। मानव वन्यजीव संघर्ष से बचाव हेतु वन विभाग की टीमें ग्रामीणों को लगातार जागरूक कर रही हैं।”
उन्होंने बताया कि प्रभावित क्षेत्र में यदि इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति हुई या हमलावर तेंदुआ फिर दिखलाई दिया तो उसे पकड़ने हेतु पिंजरा ट्रैप लगाया जाएगा। जरूरत पड़ने पर ड्रोन कैमरे की मदद ली जा सकती है।
मेडिकल कालेज सूत्रों के अनुसार मंगलवार की घटना में घायल अयान की हालत खतरे से बाहर है लेकिन वह सहमा हुआ है। बच्चे की बराबर निगरानी की जा रही है। स्वास्थ्य सुधार होने पर उसकी काउंसिलिंग की जाएगी।