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शब्दाक्षर का अयोध्या साहित्योत्सव लखनऊ में सम्पन्न हुआ

शब्दाक्षर का अयोध्या साहित्योत्सव लखनऊ में सम्पन्न हुआ;

लखनऊ – राष्ट्रीय साहित्यिक संस्था शब्दाक्षर द्वारा “कसाया इन’ होटल, गोमतीनगर लखनऊ में त्रिदिवसीय अयोध्या साहित्योत्सव आयोजित किया गया। इस भव्य आयोजन में देश के कोने-कोने से आये शताधिक कवियों/साहित्यकारों का सम्मान के साथ विराट कवि सम्मेलन किया गया। संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री रवि प्रताप सिंह, कार्यक्रम प्रमुख गीत ऋषि डा.बुद्धिनाथ मिश्र तथा आयोजन प्रमुख सह उत्तर प्रदेश अध्यक्ष श्री संतोष हिन्दी (छंदकार) की देखरेख में यह आयोजन अत्यन्त आकर्षक एवं उत्साहपूर्ण रहा।
कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन उपर्युक्त महानुभावों के अलावा राष्ट्रीय प्रचार मंत्री धनंजय जयपुरी, राष्ट्रीय साहित्य मंत्री सुश्री अनामिका सिंह, कवयित्री उर्वशी श्रीवास्तव, बिहार प्रदेश अध्यक्ष श्री मनोज मिश्र पद्मनाभ,, राजकुमार महोबिया लखन डेहलिया,श्री शशिकांत मिश्र, कामना पाण्डेय छत्तीसगढ़,एवं डा.पी लता केरल आदि ने किया। देश के कोने-कोने से आये लगभग ११० कवि/साहित्यकारों का स्वागत सम्मान शब्दाक्षर के स्मृति चिह्न,शाल, अंगवस्त्र माला आदि प्रदान कर किया गया।
लखनऊ में आयोजित इस साहित्योत्सव में सर्वप्रथम आयोजन प्रमुख संतोष हिन्दी द्वारा अतिथियों का स्वागत भाषण कर अभिनंदन किया गया। तदुपरान्त कई सत्रों में शताधिक कवियों ने विविध छंद,गीत ग़ज़लों का शमा बांथकर मंत्रमुग्ध‌ किया। आयोजन के अंत में डा.बुद्धिनाथ मिश्र द्वारा संबोधन में कवियों/साहित्यकारों से कहा गया कि हमारा मूल उद्देश्य हिन्दी भाषा के प्रचार प्रसार के माध्यम से‌ न केवल भारत अपितु सम्पूर्ण विश्व में हिन्दी को शीर्ष‌ स्थान पर‌ स्थापित करना है। अध्यक्षीय संबोधन में श्री रवि प्रताप सिंह ने कहा कि यह गर्व का विषय है कि हिन्दी आज विश्व में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषाओं में ‌तीसरे स्थान पर है। किन्तु हमें इसको प्रथम स्थान पर लाने तक अथक प्रयास करना होगा।
संस्था के आगामी वर्ष का आयोजन राजस्थान में होने की घोषणा कर शब्दाक्षर के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए कार्यक्रम के समाप्ति की घोषणा की ।इसके पश्चात २३ सितम्बर को पूर्व घोषणानुसार सभी कवियों/साहित्यकारों को अयोध्या ले जाकर रामलला मंदिर, हनुमान गढ़ी,सरयू घाट के साथ अन्यान्य मंदिरों के दर्शन कराये गये। सभी अतिथियों ने समारोह का आनंद लेते हुए अपने-अपने गंतव्य को प्रस्थान किया।

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