
समय रहते कराए मसूड़ों से संबंधित रोगों का इलाज – डॉ पूर्वा श्रीवास्तव
अखिलेश श्रीवास्तव
डेंटाक्योर डेंटल क्लिनिक बहराइच की दंत चिकित्सक डॉ पूर्वा श्रीवास्तव बी डी एस/ एम डी एस एंडोडोटिक्स रूट कैनाल विशेषज्ञ सहित कास्मेटिक दंत चिकित्सक है।पुलिस अधीक्षक बहराइच आवास के सामने डॉ पूर्वा की क्लीनिक है इनसे खास बात चीत में मुंह से बदबू आना, ठंडा गरम पानी दांतो मे लगना आदि की बीमारी आज कल आम बात हो गई है इसके बारे में पूछने पर डॉ पूर्वा श्रीवास्तव ने बताया की इसे आम तौर पर पायरिया रोग होता इसके बहुत सारे लक्षण होते है आज हम डॉ पूर्वा श्रीवास्तव से इसी संबध में जानकारी की डॉ पूर्वा ने पायरिया के बारे में विस्तार से बताया
दाँत हमारे शरीर का सबसे सख्त,मजबूत और महत्त्वपूर्ण हिस्सा है।हमारे दाँत कैल्शियम,फॉस्फोरस और अन्य खनिजों से बने है जो हमारे भोजन को चबाने ,काटने के काम आते है।इसके अलावा हमारे चेहरे पर मुस्कुराहट आने पर दाँत हमारे चेहरे की सुंदरता को भी बढ़ाते है।इन दाँतों को लंबे समय तक मजबूत और सुंदर बनाए रखने के लिए दाँतों से सम्बंधित कुछ बातों को जानना जरूरी है।
पायरिया

अगर ब्रश करते समय या खाना खाने के बाद मसूड़ों से खून आए तो यह पायरिया (सामान्य)के लक्षण होते है। पायरिया में मसूड़ों के ऊतक सड़कर पीले पड़ने लगते है ।इस समस्या का मुख्य कारण दाँतों की ठीक से सफाई न करना होता है।गंदगी की वजह से दाँतों के आस पास और मसूड़ों में बैक्टीरिया पनपने लगते है।इससे बचने के लिए मुँह की सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
किडनी,फेफड़े और दूसरे अंगों को खतरा

लंदन के इम्पीरियल कॉलेज में हुए एक अध्ययन में अध्ययनकर्ताओं ने पाया कि मसूड़े की बीमारी फेफड़े किडनी खून और पेंक्रियाज के कैंसर का खतरा बढ़ा देती है।शोधकर्ताओं के अनुसार मसूड़ों की बीमारी का लगातार बने रहना प्रतिरक्षा प्रणाली के कमजोर होने का संकेत हो सकता है।इसके कमजोर होने से शरीर में कैंसर फैलने का मौका मिल जाता है।
इस अध्ययन में पाया गया कि वे लोग जिन्हें मसूड़े की बीमारी थी उनमें कैंसर होने का खतरा उन लोगों के मुकाबले 14 प्रतिशत अधिक था जिन्हें मसूड़े की बीमारी नहीं थी।
मसूड़ों की बीमारी का इलाज

अगर मसूड़ों की बीमारी के पहले चरण का कोई भी लक्षण दिखे तो दाँतों को ठीक से ब्रश व फ्लॉस करें और तुरन्त डेंटिस्ट के पास जाए क्योंकि जल्दी इलाज शुरू कराने से इस समस्या से निपटा जा सकता है नहीं तो आपके दाँत गिर सकते है और उन्हें निकालना पड़ सकता है।नियमित ब्रशिंग और फ्लॉस से मसूड़ों की बीमारी को रोक सकते है अगर समस्या हो ही गई है तो फिर सिर्फ़ साफ सफाई, एंटीबायोटिक और करेक्टिव सर्जरी से इसका उपचार करते है।बहुत ठंडा या बहुत गर्म खाने से बचे।ज्यादा शुगर वाली चीजें भी समस्या बढ़ाती है इसलिए इन समस्याओं के लिए अलर्ट हो जाए ।अपने मुँह की सेहत के प्रति जागरूक रहे।
सेहत के मामले में जिस चीज पर सबसे कम फोकस होता है वह ओरल हेल्थ यानि मुँह की सेहत।देश में 30 साल से ऊपर वाले 50% लोगों को मसूड़ों से सम्बंधित बीमारियाँ है।अक्सर लोग इन समस्याओं को सामान्य समझकर नजरअंदाज कर देते है।मसूड़ों और दाँतों की बीमारियों को नजरअंदाज करना आपके लिए खतरनाक हो सकता है।
क्या है मसूड़ों की बीमारी

यह दाँतों पर बैक्टीरिया व प्लाक के जमाव की वजह से होता है।ये बैक्टीरिया मसूड़ों के टिशू (ऊतक) पर हमला करके उन्हें नष्ट कर सकते है।मसूड़ों की बीमारी एक तरह का इंफेक्शन होती है जो दाँतों के नीचे हड्डियों तक फैल जाता है ।ये एक आम समस्या है जिसकी वजह से दाँत ढीले या टूट जाते है।मसूड़ों की बीमारी के दो चरण होते है।अगर पहले चरण में ही इसका पता चल जाए तो इससे होने वाले नुकसान से बचा जा सकता है।मसूड़ों की बीमारी के पहले चरण को जिंजिवाइटिस भी कहते है।
जिंजिवाइटिस के लक्षण

मसूड़ों का लाल होना ,सूजन और दर्द,ब्रश करते समय मसूड़ों से खून आना ,मसूड़ों का दाँतों के ऊपर निकल जाना,साँस से बदबू आना।मसूड़ों की बीमारी का दूसरा चरण थोड़ा गम्भीर होता है।इनके लक्षणों में मसूड़ों और दाँतों में मवाद पैदा हो जाना,दाँत गिरना,दाँत व मसूड़ों के बीच बहुत अंतर(गैप) हो जाना व खाते समय दाँतों की स्थिति में बदलाव आना या ढीलापन लगना आदि शामिल होते है।
पेरियोडोंटायटिस

जिंजिवाइटिस का उपचार नहीं किया जाए तो यह गम्भीर रूप लेकर पेरियोडोंटायटिस में बदल जाता है यानि दूसरा चरण।इससे पीड़ित व्यक्ति में मसूड़ों की अंदरूनी सतह और हड्डियाँ दाँत से दूर हो जाती है और उनमें पॉकेट बन जाते है।जिस कारण दाँतों और मसूड़ों के बीच मौजूद इस छोटी सी जगह में गंदगी इकट्ठी होने लगती है और मसूड़ों और दाँतों में संक्रमण फैल जाता है।यदि ठीक से उपचार न किया जाए तो दाँतों के चारों ओर मौजूद ऊतक नष्ट हो जाते है और दाँत गिरने लगते है
अतः दाँतों और मसूड़ों की इन सभी परेशानियों से बचने के लिए अपने दाँतों और मसूड़ों का विशेष ध्यान रखिए ताकि जीवन भर आपके दाँत आपका साथ दे और आपके चेहरे की सुंदरता को कायम रखे।
