लेखक- शामिख रईस सिद्दीकी
अलीगढ़, 28 सितंबर। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के सेवानिवृत्त प्रोफेसर डॉ. सुहैल साबिर ने परोपकार के एक उदार कार्य में गरीब और योग्य छात्रों की सहायता के लिए ₹50 लाख दान किए हैं।
बिना किसी दिखावे के, डॉ. साबिर ने एएमयू के योग्य छात्रों के लिए एक एंडोमेंट छात्रवृत्ति कोष की स्थापना हेतु एएमयू के वित्त अधिकारी प्रो. मोहम्मद मोहसिन खान को ₹50 लाख का चेक सौंपा। उन्होंने विश्वविद्यालय से प्राप्त शिक्षा के लिए अपनी गहरी कृतज्ञता व्यक्त की और उन लोगों की मदद करने के महत्व पर जोर दिया जो इसे वहन करने के लिए संघर्ष कर सकते हैं।
डॉ. साबिर ने कहा कि “यह योगदान विश्वविद्यालय और समाज दोनों के प्रति उनके ऋण को चुकाने का उनका तरीका है।”
उन्होंने कहा, “योग्य छात्रों की शिक्षा में निवेश करना हमारे भविष्य में निवेश करना है।” इस दान से छात्रवृत्ति और वित्तीय सहायता मिलने की उम्मीद है, जिससे कई छात्र बिना किसी वित्तीय बोझ के अपने शैक्षणिक सपनों को पूरा कर सकेंगे। विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने शिक्षा के प्रति प्रोफेसर की प्रतिबद्धता और उनके निस्वार्थ योगदान की सराहना की है, जो उच्च शिक्षा में सामुदायिक समर्थन के महत्व को रेखांकित करता है।
प्रो. साबिर ने कहा कि हर साल लगभग 40 योग्य छात्रों को इस बंदोबस्ती निधि से छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी। उन्होंने अपने अनुरोध पर बंदोबस्ती छात्रवृत्ति कार्यक्रम स्थापित करने के प्रस्ताव को स्वीकार करने के लिए विश्वविद्यालय को धन्यवाद दिया। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय ने एक समिति बनाई है जो छात्रवृत्ति के वितरण की देखभाल करेगी।
एएमयू के वित्त अधिकारी प्रो. मोहसिन ने कहा कि यह पहल एएमयू में कई छात्रों के जीवन पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालेगी, क्योंकि वित्तीय बाधाएं उनकी शैक्षणिक यात्रा में बाधा नहीं बनती हैं।
प्रोफेसर साबिर, बाराबंकी जिले के मूल निवासी हैं। उन्होंने एमयू से रसायन विज्ञान में पीएचडी सहित अपनी सभी शिक्षा पूरी की है और बाद में उसी विश्वविद्यालय में नौकरी भी की। उन्होंने 2019-20 के दौरान विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेघालय (यूएसटीएम) के प्रो वाइस चांसलर के रूप में भी काम किया।